जब सुबह होने का
अर्थ जानते हो तो ,
क्यों नहीं उजाले का
अर्थ जीवन में मानते हो l
आंखें बंद करके क्यों ,
पड़े रहते हो कमरो में ,
गति से ही सबकुछ बदलता है
जब यह खुद मानते हो l
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