Saturday, December 3, 2022

अर्थ से दूर

 जब सुबह होने का 

अर्थ जानते हो तो ,

क्यों नहीं उजाले का

अर्थ जीवन में मानते हो l

आंखें बंद करके क्यों ,

पड़े रहते हो कमरो में ,

गति से ही सबकुछ बदलता है 

जब यह खुद मानते हो l 

No comments:

Post a Comment