Monday, December 26, 2022

बदल गए उम्र की तरह

 मैं जिसको उस मोड़ पर , 

मानो ना मानो ,

छोड़ आया हूँ ,

और कुछ भी नहीं बस ,

वो मेरा कल जिसे ,

उम्र बना लाया हूँ |

लोग कहते है अब मुझे ,

कुछ बदल से गए हो ,

आलोक इस तरह ,

क्या कहूं उनसे भी ,

कुछ भी नहीं बदला ,

सिवा इस उम्र की तरह .......... 


Alok Chantia

अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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