Saturday, December 10, 2022

फेंकी हुई रोटी

 घर के बाहर ,

अक्सर दो चार ,

रोटी फेंकी जाती है ,

कभी उसको ,

गाय खाती है ,

कभी कुत्ते खाते,

मिल जाते है ,

घर के बाहर ,

खड़ा एक भूखा ,

आदमी भूख की ,

गुहार लगाता है ,

उसे झिड़की ,दुत्कार ,

नसीहत मिलती है ,

पर वो घर की ,

रोटी नहीं पाता है ,

आदमी के साथ ,

आदमी का यह कैसा, 

रिश्ता चलता है ,

हर आदमी दूसरे को, 

क्यों पैसे से तोलता, 

यहां मिलता है...



जब आपके पास रोज घर के बाहर फेकने के लिए रोटी है तो क्यों नहीं रोज दो ताजी रोटी किसी भूखे को खिलाना शुरू कर देते है क्या मानवता का ये काम आपको पसंद नहीं कब तक गाय और कुत्तो को रोटी खिलाएंगे , ये मत कहियेगा जानवर वफादार होता है , आप बस घर के बाहर पड़ी रोटी पर सोचिये ........... आलोक चांटिया अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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