Monday, December 5, 2022

सुबह के साथ होने का मजा

 निकलकर अंधेरों से सुबह दस्तक तक दे रही है

ठंडी हवाओं से हर दिशा हर सांस खिल रही है 

तुम भी उजालों में आज खोज लेना अपने रास्ते आलोक

 डगर पर सूरज की किरणें तेरे साथ हो रही है 

आलोक चांटिया

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