Sunday, November 27, 2022

जिंदगी मौत की आवाज में

 यूं ना सांसों को मेरी दफन करो अपने इस अंदाज में

 

मैंने तो इसे मिलाया था किसी नए आगाज में

 

मिलकर भी अगर दूर तक अकेला ही दिखाई दिया

 

कैसे कहूं तू जिंदगी थी आलोक मौत की आवाज में 

आलोक चांटिया

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