चूहे की मकर संक्रांति
यह तो मैं काफी समय
पहले ही समझ गया था
दुश्मनी करने का कोई
फायदा नहीं होता है
मकर संक्रांति पर शनि और
सूरज एक दूसरे के
कट्टर दुश्मनों का भी
रहना एक साथ होता है
प्रकृति और ब्रह्मांड जब
इस खेल को हमें दिखता है
तब भी हमें समझ में नहीं आता
कि हमको सबको
मिल बाट कर रहना है
किसी से किसी को
कुछ नहीं कहना है
इसीलिए अपने दुश्मन
मानव के साथ चूहे ने
रहना सीख लिया है
मकर संक्रांति ने उनको
यह छोटा सा अर्थ दिया है
कि दुश्मन ही सही मानव
तुम उसके सामने बराबर
आते जाते रहो
चुपचाप उसकी तरफ देखो
और कुछ भी ना कहो
एक दिन तो उसे
समझ में आएगा कि
बेवजह इस चूहे ने मेरा
क्या बिगाड़ डाला है
जो इसके लिए सिर्फ हत्या
पिंजरा का रहता हाला है
मकर संक्रांति का यह
जादू मेरे साथ चल रहा है
सच बताऊं कमरे का
हर चूहा आजकल
मुझसे मिल रहा है
प्रकृति की यह मकर संक्रांति का
खेल मेरे कमरे पर
रोज-रोज चल रहा है
आलोक चांटिया
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