Saturday, November 24, 2012

mitna to hai hi

ठण्ड का आलिंगन आज बहुत फिर ...................... तन  मन को सब से  फिर छिपा रहा  ...................लड़ रहा पूरब में सूरज कोहरे से .......................संघर्ष का मतलब सबको  बता रहा .................जीवन का मतलब एक बना पिंड से ..................जो  साँसों से खुद को चला रहा ........... जो बना है  वो मिटेगा का एक दिन ................... सुख दुःख का दर्शन दिखा रहा ..................... चुकी जीवन का निर्माण किया जाता है इस लिए उसका क्षय तो होना ही है .............इस लिए आप जो भी सम्बन्ध, घर , नौकरी , शादी , जीवन बना रहे है ....उन सबका का क्षय निश्चित है इस लिए अपने द्वारा बनाये दुःख के मार्ग पर चल कर दुःख करने का कोई मतलब नही है ................तो आइये कहते है सुप्रभात

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