Thursday, March 23, 2023

मां

 

मैं जानता हूं मेरे अस्तित्व के लिए

तेरा बदलना जरूरी है

कोई क्या जाने शक्ति की

कितनी मजबूरी है

सृजन के पथ पर चलना

आसान नहीं आलोक

9 दिन 9 माह का पथ

एक तपती दुपहरी है

तुम बच भी जाओगे

प्रकृति कह कर मुझे

पर एक मां ही अपने

बच्चों की सच्ची प्रहरी है

आलोक चांटिया

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