मैं जानता हूं मेरे अस्तित्व के लिए
तेरा बदलना जरूरी है
कोई क्या जाने शक्ति की
कितनी मजबूरी है
सृजन के पथ पर चलना
आसान नहीं आलोक
9 दिन 9 माह का पथ
एक तपती दुपहरी है
तुम बच भी जाओगे
प्रकृति कह कर मुझे
पर एक मां ही अपने
बच्चों की सच्ची प्रहरी है
आलोक चांटिया
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