Tuesday, November 22, 2022

उम्मीद जिन्हें हो

 जिन्हें उम्मीद है पूरब से उनको आगे आने दो 


जिन्होंने मान लिया सबकुछ पश्चिम को उनको जाने दो


 मुट्ठी जब भी बांधोगे अंधेरा रहकर जाएगा 


खुले हाथों से जो जी ले उसे आगे आने दो 


आलोक चांटिया

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