Tuesday, November 15, 2022

पौधे की सीख

 हरियाली की चाहत लेकर,

पौधा जो दुनिया में आता है,

मिलती उसको तपन धूप की ,

कभी बिन पानी के रह जाता है ,

दुनिया को सुख देने की चाहत में, 

जैसे-जैसे वह बढ़ता जाता है ,

कोई तोड़ता पाती उसकी ,

कोई भूख उसी से मिटाता है ,

अच्छा करने की चाहत का ,

अनूठा फल वह पाता है, 

कोई तोड़ता टहनी उसकी, 

कोई घर उसी से बनाता है,

 किसी के घर में चूल्हा जलता ,

कोई डंडा उसी से बनाता है ,

क्या पाता है दुनिया में आकर ,

एक पौधा यही हमें समझाता है, 

अच्छा काम करने वालों को ,

संदेश यही दे जाता है ,

हर दर्द उपेक्षा सहकर तुम भी, 

बस रुकना ना चलते जाना ,

पौधे सा जीवन तुम लेकर ,

मुस्कान किसी को बस देते जाना ।

आलोक चांटिया

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