दर्द में आँखों से जब मोम बहा ,
तब लगा हांड मांस भी जलता है ,
कुछ लोगो को लगा कि आँसू है ,
किसे बताऊँ ऐसे वो रोज मिलता है@
2
हर कोई कहता है बिक जाओ मुझसे
बाजार मे खड़े हर रिश्ते ना जाने कबसे
आलोक चांटिया
तब लगा हांड मांस भी जलता है ,
कुछ लोगो को लगा कि आँसू है ,
किसे बताऊँ ऐसे वो रोज मिलता है@
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हर कोई कहता है बिक जाओ मुझसे
बाजार मे खड़े हर रिश्ते ना जाने कबसे
आलोक चांटिया
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