आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Thursday, January 23, 2020
सच के रास्तो पर वो, इस कदर चलने लगे है
सच के रास्तो पर वो,
इस कदर चलने लगे है,
कि अब वो कह कर,
हर गुनाह करने लगे है-आलोक चान्टिया
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