रात
अब गहराने लगी है .............काजल सी मुस्काने लगी है
..............सुंदर लगने लगे सपने आँखों में ......................पलकों
के दरवाजे छिपाने लगे है ...................मैं भी आना चाहता हूँ एक बार
....................आलोक में काले बादल छाने लगे है ................
बरसेंगे आज फिर सन्नाटे में भरपूर ..................सिलवटो के राज फिर आने
लगे है ........................ रात आपको अपने से मिलने का भरपूर मौका
देती है .....क्या आप कभी अपने से मिले ......नही तो कहिये जल्दी से शुभ
रात्रि
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