आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Friday, June 8, 2012
kaun mere pas hai
क्यों मन इतना उदास है ,
कौन है जिससे आस है ,
हर कोई जीता अपने लिए ,
फिर कौन जो मेरे पास है ..................................
1 comment:
yashoda Agrawal
June 9, 2012 at 12:55 AM
हर कोई जीता अपने लिए ...........
सुदृढ़ पंक्ति
सुनदर रचना
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हर कोई जीता अपने लिए ...........
ReplyDeleteसुदृढ़ पंक्ति
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