आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Tuesday, June 5, 2012
bataya na kro.............
मेरी मोह्हबत को यूँ न जाया करो ,
समय को मेरे यूँ बहाया ना करो ,
एक पल जो जिया सौ बरस की तरफ ,
सौ बार दिन भर में बताया ना करो
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment