तू सब्र ना देख अब मेरे ही इम्तिहान में ,
कोई और नही मेरा अब इस जहान में ,
माना हर किसी को आरजू आलोक की ,
पर हमेशा अँधेरा ही रहा इस मकान में ,..................शुभ रात्रि
कोई और नही मेरा अब इस जहान में ,
माना हर किसी को आरजू आलोक की ,
पर हमेशा अँधेरा ही रहा इस मकान में ,..................शुभ रात्रि
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