आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Thursday, June 7, 2012
ali kli
अलि कली का सुंदर खेल चला ,
सूरज फिर आज पूरब से मिला ,
हम कुछ अच्छा कर ले आलोक ,
पग बढ़े ऐसा ही सोच मन खिला ...................सुप्रभात
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