जब मेरी जिंदगी थमी ,
सोचा छोड़ दू अब जमीं ,
न पूछो कितनी भीड़ जमी ,
शायद आज संस्कृति की ,
यही कहानी शेष बची थी,
क्या इसी खातिर भगवन ,
ने मानव और मानव ने ,
संस्कृति की बिसात रची थी ............
क्या आप औरत का मतलब जानते है ???
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