Saturday, September 5, 2020

जब मेरी जिंदगी थमी

 जब मेरी जिंदगी थमी ,

सोचा छोड़ दू अब जमीं ,

न पूछो कितनी भीड़ जमी ,

शायद आज संस्कृति की ,

यही कहानी शेष बची थी, 

क्या इसी खातिर भगवन ,

ने मानव और मानव ने ,

संस्कृति की बिसात रची थी ............


क्या आप औरत का मतलब जानते है ???

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