Monday, September 11, 2023

हिम्मत मत हारो........by Alok chantia

 है दूर बहुत दूर,

सूरज फिर भी, 

कोशिश तो करता है l

घर आंगन  चौबारे को, 

अपनी रोशनी से ,

तो भरता है l

ऐसा नहीं कि पीछे है ,

चांद भी रात की कालिमा को ,

वह अपनी चांदनी से हरता है l

तारे भी टिम टिमा कर ,

एहसास करा जाते हैं l

सुंदरता किसको कहते हैं ,

यह तक बता जाते हैं l

फिर क्यों तुम ,

हारे जा रहे हो ?

अपने अंदर हताशा और,

 कमी को पा रहे हो !

सोचो कुछ ना कुछ तो ,

तारे सूरज चांद सा ,

तुम्हें भी होगा जो इस ,

संसार में ,

किसी के काम का तो होगा l

कोशिश तो कर ही डालो ,

यह जानने के लिएl

 जीवन कर्म का नाम है ,

यह मानने के लिए l

आलोक चांटिया

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