Tuesday, September 18, 2012

andhere me

सांसो के फरेब में कब से पड़ गए ,
आज सच कहने से भी डर गए ,
किस लिए किसको छोड़ रहे हो ,
जिन्दा रहकर ही फिर मर गए ,
वो देखो रास्ता जिस पर चले थे ,
आज क्या हुआ जो कदम हिल गए ,
इतना किसको दिखाने की कोशिश,
जो आये थे यहा वो भी निकल गए ,
आलोक में जी लो एक पल को यहा,
अँधेरे में जाने कितनेयहा फिसल गए ..........................क्या आप सब इस देश को बचने के लिए पैदा हुए है या फिर अपने को सिर्फ मानव समझ कर यहा रहने वाला किरायेदार समझ कर जी रहे है ..आर जानवर से हटकर कुछ करने का जज्बा है तो कीजिये अपने देश के लिए एक आन्दोलन जो बना दे हम सबको एक मानव जो भारतीय कहलाया  ..............शुभ रात्रि www.internationalseminar.in  

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