Saturday, August 29, 2020

कितनी शिद्दत से इंतज़ार किया तूने मेरा

 कितनी शिद्दत से इंतज़ार किया तूने मेरा ,

देख तेरी खातिर जिन्दगी को छोड़ आया ,

बंद आँखों में है भी तो सिर्फ तस्सवुर तेरा ,

मौत हर शख्स को सुकून तुझमे ही आया ,

अब तो खुश हो जा मै किसी को न देखता ,

हर किसी से दूर सिर्फ तेरा गुलाम बना गया ,

कमरे  में मेरी जगह रहती अब खाली खाली ,

सच मान मैं शमशान में तेरे ही लिए बस गया ....

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