Wednesday, January 16, 2019

मुखड़े

दर्द में आँखों से जब मोम बहा ,
तब लगा हांड मांस भी जलता है ,
कुछ लोगो को लगा कि आँसू है ,
किसे बताऊँ कोई रोज मिलता है
२-क्यों जिन्दगी चलती है इस कदर ,
कि कुछ करके भी मौत ही पायी,
और मौत का सब्र भी देखिये जरा ,
पैदा होने के पहले से इंतज़ार में ...............................जिसने सब्र किया वही जीतता है मौत की तरह अंततः ..

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