Monday, January 21, 2013

झंडा मुफ्त मांगिये

कितने बेबस दिखे वो वहा से ,
जब अपने खून को बिकते देखा ,
अपने हौसलों से रंगे तिरंगे को ,
बाज़ार में उतारते हुए देखा ,
हम सब भी खड़े हो गए वहा,
एक तमाशबीन की तरह ऐसे ,
जैसे खरीद दार की आदत सी हो ,
तिरंगे को खरीदना इबादत सी हो ............................आप सब एक सम्मानित भारतीय है और आपको जैसे मुफ्त में खाना , घर , शिक्षा बिजला, चाहिए वैसे मुफ्त में क्यों नहीं क्या झंडे से इतना भी लगाव नहीं हम पैदा कर पाए ..सोचिये और कहिये शुभ रात्रि ....अखिल भारतीय अधिकार संगठन के साथ मिल कर आवाज उठाइए .....झंडा मुफ्त मांगिये

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