Friday, February 14, 2020

कब तलक तेरा यूं ही जाना कबूल करेंगे,.....पुलवामा के शहीद

कब तलक तेरा यूं ही जाना कबूल करेंगे,

कोई तो पल होगा जब तुझे मकबूल करेंगे,

 यूं ही तो नहीं तूने अपना घर छोड़  कर,

मादरे वतन का दामन थामा था आलोक,

कब तक चंद अल्फाजों को लिख  लिख,

तेरी शान में बातें रोज-रोज फिजूल करेंगे

 क्या यह काफी है कि मैं सिर्फ सोशल मीडिया पर लिखकर कि आज हमारे सैनिकों क्यों बिना वजह दुनिया से जाना पड़ा था श्रद्धांजलि देते रहे या हर भारतीय को अपने अगल-बगल आगे पीछे के लिए संवेदनशील होकर इस राष्ट्र की सुरक्षा में सहयोग करना होगा सभी वीर सिपाहियों के आगे मैं शर्मिंदा हूं लज्जा में हूं क्योंकि मैं सिर्फ बात कर सकता हूं काश आप के   दर्द में शरीक भी होता जय हिंद पुलवामा अंतस में वह रिश्ता हुआ दर्द है जिस पर कुछ कहना सिर्फ बेशर्मी है
  आपका  आलोक

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