आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Sunday, February 2, 2020
हम तो जमीन से खोद कर
हम तो जमीन से खोद कर
अपनी जरूरतें निकाल लिया करते हैं
कैसे सोच लिया कि हम
तुम्हारे दिल में रहा करते है
आलोक चांटिया
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