Thursday, October 11, 2012

usko pana

क्यों लिखूं कुछ ऐसा जो ,
दिल की कहानी कह जाये ,
क्यों दिखाऊ कुछ ऐसा जो ,
आँखों से बह निकल जाये ,
मेरे घर में अँधेरा ही रहा ,
आंगन में उसके धूप खिली ,
अकेले जीवन पे जाने कब वो,
राह में मुझको खड़ी मिली ,
हर बात को मेरे काँटों सा माना,
रिश्ते को कब किसने मेरे जाना ,
रह गया दूर अँधेरे से आलोक ही ,
स्मृति शेष है अब उसका आना ,
बता देना पश्चिम में गया हूँ मैं ,
अब मुश्किल है लगता तुरंत पाना ,.............................कौन है  वो जानते हैं ??????????????? जी जी मेरी सांसे जिनको मैं समझ ही नही पाया और अब अपने अंत के लिए तैयार हूँ ........क्या आपको अपने बारे में पता हैं ?????????????/शुभ रात्रि

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