अंतस के तमस में ही दिल चल पाता है ,
गर्भ के अंधकार से जन्म कोई पाता है
नींद भी आती स्वप्न भी आते रातो में ,
कालिमा से निकल सूर्य पूरब में आता है ............................
अंधकार हमारा स्वाभाव है और प्रकाश हमारा प्रयास ....कोई भी दीपक अँधेरा नही फैलाता पर दीपक के बुझते ही अँधेरा खुद फ़ैल जाता है .. हमको अच्छे समाज से लिए निर्माण करना है क्यों की गलत समाज तो हमेशा से ही है
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