आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Saturday, June 13, 2020
हर कोई चाहता मेरा वजूद हो
हर कोई चाहता मेरा वजूद हो ,
सब कुछ कहने के बावजूद हो ,
रहे कितनी भी तल्खियाँ आलोक ,
मेरा अक्स हर कही मौजूद हो
आलोक चन्टिया
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