जीवन में मेरे क्यों नहीं आता है संतोष .....................
सड़क पे सोने वालो क्यों होता नहीं रोष ......................
शीतल कमरों में आती क्यों नहीं है नींद ......................
मिटटी पे सोने वालो को रहता नहीं है होश ...................
ये मेरा कुसूर या भगवन है सिर्फ तेरा .................
पसीने से नहाये मजदूरो को देते हो जोश .............
कैसी बनायीं दुनिया और दुनिया में लोग ..................................
कोई शराब तो कोई मेहनत से होता मदहोश ................
आज की रात फिर बिजली नहीं है दीवारों में ...........
आलोक बिना सड़को पे जिन्दगी का क्या दो
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