Tuesday, January 20, 2015

औरत

आज हूँ कल ,
नही रहूंगा  ,
आज सुन लो ,
कल नही कहूँगा
क्यों मशरूफ हो ,
खुद में इतना ,
आज देख लो ,
कल नही दिखूँगा ,
मैं जानता हूँ ,
कहानी सुनते हो,
सीता की बात ,
फिर नही कहूँगा ,
आज मेरे चीर की ,
पीर सुन भी लो ,
औरत की एक बात ,
फिर न सहूँगा ,
औरत को समय दीजिये उसके लिए खड़े होइए .........अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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