Sunday, March 29, 2020
हम भारत के लोग
हम भारत के लोग ,
हम भारत के लोग |
जमीं नही इसको हम माने,
माँ कहने का मतलब जाने ,
बटने नही देंगे अब इसको ,
हम भारत के लोग, हम भारत के लोग .....
भाई बहन बन कर हम रहते ,
दुनिया को भी आपना कहते ,
रिश्तो के खातिर यहा पर ,
पल पल जीते है लोग ..........
हम भारत के लोग ..हम भारत के लोग ...
दुनिया पूरी परिवार सी लगती ,
संस्कृति अनूठी शान है रखती ,
मूल्यों की खातिर यहा पर ,
कट मरते है लोग .....
हम भारत के लोग ...हम भारत के लोग ...
कहा गए वो सब लोग ,
खो क्यों गए वो लोग ,
भटक गए हम सब आज यू,
क्यों भारत के लोग ...
हम भारत के लोग ...हम भारत के लोग ....
इस गीत को लिखते समय मेरे मन में सिर्फ यही ख्याल था कि हम किस भारत की बात करना चाहते है .....डॉ आलोक चांत्टिया
हम भारत के लोग |
जमीं नही इसको हम माने,
माँ कहने का मतलब जाने ,
बटने नही देंगे अब इसको ,
हम भारत के लोग, हम भारत के लोग .....
भाई बहन बन कर हम रहते ,
दुनिया को भी आपना कहते ,
रिश्तो के खातिर यहा पर ,
पल पल जीते है लोग ..........
हम भारत के लोग ..हम भारत के लोग ...
दुनिया पूरी परिवार सी लगती ,
संस्कृति अनूठी शान है रखती ,
मूल्यों की खातिर यहा पर ,
कट मरते है लोग .....
हम भारत के लोग ...हम भारत के लोग ...
कहा गए वो सब लोग ,
खो क्यों गए वो लोग ,
भटक गए हम सब आज यू,
क्यों भारत के लोग ...
हम भारत के लोग ...हम भारत के लोग ....
इस गीत को लिखते समय मेरे मन में सिर्फ यही ख्याल था कि हम किस भारत की बात करना चाहते है .....डॉ आलोक चांत्टिया
Thursday, March 26, 2020
जिन्दगी बड़ी बेतरतीब सी लगती है
जिन्दगी बड़ी बेतरतीब सी लगती है ,
साँसे अब उसकी नसीब सी लगती है ,
जाने कौन देख रहा मेरी आँखों से ,
हाथो में राख भी हसीन सी लगती है
2-
रोये नही हम आप मेरी हसी को समझ बैठे ,
कब से खामोश है हम आप लोरी समझ बैठे ,
तन्हाई का जाला यू शहनाई सी मयस्सर ,,
सूनी आँखों में देख आप जज्बात समझ बैठे
साँसे अब उसकी नसीब सी लगती है ,
जाने कौन देख रहा मेरी आँखों से ,
हाथो में राख भी हसीन सी लगती है
2-
रोये नही हम आप मेरी हसी को समझ बैठे ,
कब से खामोश है हम आप लोरी समझ बैठे ,
तन्हाई का जाला यू शहनाई सी मयस्सर ,,
सूनी आँखों में देख आप जज्बात समझ बैठे
Saturday, March 21, 2020
Sunday, March 15, 2020
Wednesday, March 11, 2020
मैं जन्मा या अजन्मा , यह निर्णय तेरा होगा
मैं जन्मा या अजन्मा ,
यह निर्णय तेरा होगा ,
औरत सोच के देख जरा ,
तुझमे साहस कितना होगा ,
हर कदम उम्र पुरषो के नीचे ,
तेरा क्षमा सहन कितना होगा ,
तुझ पर कह डाली पोथी सारी,
शून्य में फिर भी रहना होगा ,
कहती दुनिया कल दिन है तेरा .
फिर भी डर कर रहना होगा ,
आलोक ढूंढती आँखे अबभी है ,
अँधेरा खुद तुझे पीना होगा ,
माँ बहन शब्द दम तोड़ चुके ,
हव्वा आदम की होना होगा ,
भूल न जाना, है दर्द अंतहीन,
बेशर्मो संग ही रहना होगा ,
दुनिया में खुद आने के खातिर,
माँ माँ इनको ही कहना होगा ,
शत शत वंदन तेरे हर रूप को ,
ये प्रेम किसी से कहना होगा .................
अजीब लगता है जब यह लाइन लिख रहा हूँ क्योकि औरत के लिए हमारी कथनी करनी अलग है और कल हर कोई छाती पीट पीट कर महिला दिवस पर पाने गले को बुलंद करेगा .....पर शत शत अभिनन्दन उस हर महिला को जो चुपचाप पुरुष को जन्म से मृत्यु तक साथ देकर गुमनामी में मर जाती है ............. आलोक चांटिया
यह निर्णय तेरा होगा ,
औरत सोच के देख जरा ,
तुझमे साहस कितना होगा ,
हर कदम उम्र पुरषो के नीचे ,
तेरा क्षमा सहन कितना होगा ,
तुझ पर कह डाली पोथी सारी,
शून्य में फिर भी रहना होगा ,
कहती दुनिया कल दिन है तेरा .
फिर भी डर कर रहना होगा ,
आलोक ढूंढती आँखे अबभी है ,
अँधेरा खुद तुझे पीना होगा ,
माँ बहन शब्द दम तोड़ चुके ,
हव्वा आदम की होना होगा ,
भूल न जाना, है दर्द अंतहीन,
बेशर्मो संग ही रहना होगा ,
दुनिया में खुद आने के खातिर,
माँ माँ इनको ही कहना होगा ,
शत शत वंदन तेरे हर रूप को ,
ये प्रेम किसी से कहना होगा .................
अजीब लगता है जब यह लाइन लिख रहा हूँ क्योकि औरत के लिए हमारी कथनी करनी अलग है और कल हर कोई छाती पीट पीट कर महिला दिवस पर पाने गले को बुलंद करेगा .....पर शत शत अभिनन्दन उस हर महिला को जो चुपचाप पुरुष को जन्म से मृत्यु तक साथ देकर गुमनामी में मर जाती है ............. आलोक चांटिया
Monday, March 2, 2020
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