जिन्दगी बड़ी बेतरतीब सी लगती है ,
साँसे अब उसकी नसीब सी लगती है ,
जाने कौन देख रहा मेरी आँखों से ,
हाथो में राख भी हसीन सी लगती है
2-
रोये नही हम आप मेरी हसी को समझ बैठे ,
कब से खामोश है हम आप लोरी समझ बैठे ,
तन्हाई का जाला यू शहनाई सी मयस्सर ,,
सूनी आँखों में देख आप जज्बात समझ बैठे
साँसे अब उसकी नसीब सी लगती है ,
जाने कौन देख रहा मेरी आँखों से ,
हाथो में राख भी हसीन सी लगती है
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रोये नही हम आप मेरी हसी को समझ बैठे ,
कब से खामोश है हम आप लोरी समझ बैठे ,
तन्हाई का जाला यू शहनाई सी मयस्सर ,,
सूनी आँखों में देख आप जज्बात समझ बैठे
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