Wednesday, August 27, 2014

लड़की का मन और तन है

बेमेल विवाह .........
अक्सर कोमल सी ,
लताये ही ,
उम्र दराज़ पेड़ों ,
से लिपट जाती है ,
न जाने क्यों उनमे ,
उचाई छूने की ,
ललक जग जाती है ,
पर उम्र की मार से ,
बूढ़ा पेड़ क्या गिरा ,
कोई नन्ही सी कोपल ,
नाजुक सी लता भी ,
 खाक में मिल जाती है ............,

बेमेल विवाह रोकिये .लड़की सिर्फ दूसरो के सुख के लिए अपने को महसूस करके के लिए भी पैदा हुई है

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