Thursday, May 29, 2014

क्या मैं भी मनुष्य !!

मेरे जिंदगी में आँधियाँ ,
तेरे जूनून से कुछ कही
कम नहीं ,
जी कर तो मरते है सभी ,
मर मर कर जीने का
दम तुममे नहीं ,
तुम्हे बोल कर जताने ,
बताने की आदत सी है ,
सभी को ,
पर मेरी ख़ामोशी चूड़ियों ,
पायल से सुनने की है ,
सभी को ,
रेत सी  जिंदगी में ,
पानी सा फैलने की तमन्ना ,
किनारे खड़े होकर भीगने ,
की आदत सभी को है ,
मत कहना औरत वरना ,
कई उँगलियाँ उठ जाएँगी ,
जिंदगी कह कर सांस लेने ,
आरजू सभी को  है .......आज एक लड़की ने समाज का जो चित्र अपने साथ हुई आप बीती के साथ सुनाई उन्ही को शब्दों से आपके सामने रख रहा हूँ ...आइये कुछ देर और सोचे ???????

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