Tuesday, March 11, 2014

जिंदगी

जिंदगी .......
ये बात ही अजीब थी ,
कहते है वो करीब थी ,
चली गयी मैं आज भी ,
मुर्दे का वो नसीब  थी ,
चलती रही उम्र भर ,
पर हुई वो रकीब थी ,
जिंदगी चली ही गयी ,
मौत की ही वो हबीब थी ,
अँधेरे में रह कर ही वो  ,
आलोक से मिली थी ,
दुनिया कहते है किसे  ,
यही उसकी अदीब थी

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