जिन्दगी आज कैसा ये गीत गा रही है ,
शमशान में आरती उतारी जा रही है ,
क्यों है अब जनाजो में ठहाको की मस्ती ,
चार कंधो पे क्या सांस वापस आ रही है ...............क्या आप आपको ऐसा लगता है की हम सब भेद भाव के लिए जिम्मेदार है www.seminar2012.webs.com
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